सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा कथा ओम हरि कीर्तन रामलीला कमेटी पिलकथुआ द्वारा मंचन
*सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा कथा ओम हरि कीर्तन रामलीला कमेटी पिलकथुआ द्वारा मंचन पर प्रस्तुतीकरण
– क्या आज ऐसे कठिन परीक्षा पृथ्वी पर कोई दे सकता है उत्तर का जवाब दीजिए* जज सिंह अन्ना तीसरे दिन का मंचन
शैलेश तिवारी मडियाहूं जौनपुर
बरसठी जौनपुर ग्राम सभा पिलकथुआ में ओम हरी राम लीला कीर्तन कमेटी द्वारा दीपावली के दिन सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथा की परीक्षा का मंच पर प्रस्तुतीकरण राष्ट्रीय
लेकिन राजा हरिश्चंद्र सत्य वाणी बोलते थे और उस वाणी को कभी भी पलटते नहीं थी सब कुछ दान देकर अंततः उनको राजपाट त्याग कर काशी नगरी में वनवास करना पड़ा परिवार को बेचना पड़ा पुत्र की मृत्यु हुई कफन के लिए एक भी रुपए ना होने पर चीर देना पड़ा, पत्नी को लांछन लगा सर काटने का काशीडोम का आदेश हुआ राजा हरिश्चंद्र जैसे ही डोम के आदेश का पालन करते हुए अपनी पत्नी के सिर पर तलवार से वार करने जा रहे थे तभी इंद्रदेव प्रकट हुए और बोले यह तो मैं परीक्षा ले रहा था हे राजा हरिश्चंद्र आप सत्य है लेकिन राजा हरिश्चंद्र ने बोला कि कलयुग में इस सत्यता की परीक्षा लोगे तो किसी भी ऋषि मुनि तपस्वी को बेज्जती का सामना करना पड़ेगा । इस तरह सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कथा से आज के आधुनिक युग को सीख लेना चाहिए लेकिन आज के युवा इन सब कथन को न सुनते हैं नाहीं गुनते हैं नाहीं ध्यान से स्मरण करते हैं और ना ही कोई सीख लेते हैं। इस अवसर पर बड़े-बड़े नेता भाग लिए समाजसेवी जज सिंह अन्ना विद्यासागर सोनकर पंडित दिनेश त्रिपाठी राकेश शुल्क डॉ राकेश सिंह शिक्षक संघ गंगा सिंह सोनू सिंह आदि।