आरजेडी सुप्रीमो के छोटे साले पूर्व राज्य सभा सदस्य सुभाष प्रसाद यादव की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने किया ख़ारिज,

आरजेडी सुप्रीमो के छोटे साले पूर्व राज्य सभा सदस्य सुभाष प्रसाद यादव की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने किया ख़ारिज, 6 सप्ताह के अंदर निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश।
जेल जाने से फिलहाल बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में करने होगे अपील।
आइडियल इंडिया न्यूज ।
पटना डेस्क ।
आरजेडी सुप्रीमो के छोटे साले पूर्व सांसद सुभाष प्रसाद यादव की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने ख़ारिज करते हुवे 6 सप्ताह के अंदर निचली अदालत में सरेंडर करने का आदेश जारी किया है। ऐसे में उन्हें फिलहाल जेल जाने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करना होगा।लालू-राबड़ी शासन काल में बिहार में जंगलराज के आरोप लगते थे, पटना हाईकोर्ट ने इसको लेकर तब सख्त टिप्पणी की थी। उस दौर में लालू यादव अपरोक्ष रूप से अपने दोनों सालों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते थे। यही कारण रहा जो लालू परिवार ने इन दोनों से ही राजनीतिक रूप से दूरी बना ली है। अब एक बार पिर लालू यादव के छोटे साले ,पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव पर गंभीर आरोप लगे हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साला पूर्व सांसद सुभाष यादव सहित उनके परिजनो पर फर्जीवाड़ा करने, धमकी देने , ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज किया गया है।
जिसको लेकर उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल किया था। बताया जाता है की बिहटा थाना क्षेत्र के बेला निवासी भीम वर्मा ने इस मामले में थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराया है। जिसका बिहटा थाना कांड संख्या 425/23 है। अनुसंधान जारी है। प्राथमिकी के अनुसार पूर्व सांसद सुबाष यादव , इनकी पत्नी रेणु देवी , इनका बेटा सहित सात लोगों ने फर्जीवाड़ा कर ज़मीन को अवैध क़ब्ज़ा करने का प्रयास किया है, एवं जान मारने की धमकी दिया है। भीम वर्मा का कहना है की मेरे ज़मीन को ख़रीदने की इच्छा पूर्व सांसद ने किया और आपसी बातचीत के दौरान तय हुआ। इसके एवज़ में सुबाष यादव ने अग्रिम रूपये दिए। कुछ दिनों बात सुबाष यादव रूपये देने और ज़मीन लेने से इंकार कर दिये। उनके दिये अग्रिम रूपये को मैं लौटा दिया लेकिन मूल एग्रीमेंट नहीं लौटाएं और ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने का प्रयास करने लगे। यह लोग दबंग प्रवृत्ति के लोग है। अनुसंधानकर्ता ने बताया कि सुभाष यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। बता दें कि इससे पहले पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी गुहार लगायी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद बिहटा थाने में पूर्व सांसद उनके बेटे उनकी पत्नी समेत सात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। हालांकि मामला बेला मौजा का है जो नेउरा ओपी का बताया जाता है।