मऊ में छठ महापर्व की धूम, श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
मऊ में छठ महापर्व की धूम, श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
आइडियल इंडिया न्यूज
सरफराज अहमद मऊ
सोमवार को सुबह सूर्याेदय के साथ फिर दिया जायेगा अर्ध्य
मऊ में महापर्व छठ के रंग में डूबा रहा और जगह-जगह घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सतवि तिथि तक मनाया जाता है, इस वर्ष छठ के पर्व की शुरुआत नहाया खाए के साथ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया। वहीं डाला छठ के अवसर पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देने के लिए नदी के घाटो, जलाशयों व पोखरों पर जिले में चारो तरफ लोग उमड़ पड़े। अन्य पर्वो की तरह इस पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने पहले से तैयारी कर रखी थी। जिसके चलते शांति पूर्वक तरीके से यह पर्व सम्पन्न हुआ। नगर के मां शीतला मंदिर पोखरे, ब्रह्मस्थान पोखरा व तमसा टत व परदहां मिल स्थित हनुमान मंदिर स्थित पोखते के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। सूर्यास्त के समय अनेक प्रकार के पकवानो को बांस के सूख में सजाकर सूर्य नारायण को श्रद्धा पूर्वक अर्घ्य अर्पित कर दीप जलाकर श्रद्धालु अपने-अपने घरो को वापिस हुए। सोमवार को प्रात:काल उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के बाद यह व्रत पूर्णत: को प्राप्त हो जायेगा। रविवार को शाम सूर्यास्त के समय व्रति लोगो ने अर्ध्य दिया। घाट पर स्वंयसेवी संस्थाओं द्वारा जहां प्रकाश की व्यवस्था की गयी है, वहीं नगर पालिका व टाउन एरिया द्वारा साफ-सफाई की गयी है। त्योहार के अवसर पर सूप की किमत सर्वाधिक रही और फलों के दाम भी बढ़ोत्तरी की ओर रहे। लेकिन श्रद्धालु खरीददारी के प्रति उत्साह में कमी नहीं रही। जिसके चलते फल-फूल, डलिया की जमकर खरीददारी हुई। विद्युत व्यवस्था भी ठीक रहने से नगर के घाटो के किनारे रोशनी पर्याप्त थी और झालरो से भी सजाया गया था। सीओ सिटी, शहर कोतवाल, थानाध्यक्ष सरायलखंसी व यातायात प्रभारी श्याम शंकर पांडेय अपने दल बल के साथ व्यवस्था को चौकस बनाने में लगे रहे। सादिगी सुद्धता भक्ति एवं अध्यात से सराबोर यह त्योहार पूरे श्रद्धा के साथ मंगल की काम करते हुए मनाया जाता है। जिले के कोपागंज, घोसी, दोहरीघाट, मधुबन, रतनपुरा, मुहम्मदाबाद गोहना, चिरैयाकोट, पिपरीडीह आदि क्षेत्रो में डाला छठ का यह त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाया गया।