05/07/2025
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अब सनातन धर्म के अभ्युदय का समय आ गया है ,सनातन धर्म न कभी मिटा है न कभी समाप्त हो सकता है- दयालु

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अब सनातन धर्म के अभ्युदय का समय आ गया है ,सनातन धर्म न कभी मिटा है न कभी समाप्त हो सकता है- दयालु

आइडियल इंडिया न्यूज़

संजय पांडेय सरस आजमगढ़

आजमगढ़ / ठेकमा जिंदोंपुर स्थित श्री धर्म संघ गिरीश संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नव निर्मित भवन का लोकार्पण मंगलवार को डॉ दया शंकर मिश्र ( दयालु) राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार ने किया किया ।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन तथा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया ।

बतौर मुख्य अतिथि डॉ दया शंकर मिश्र (दयालु) राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार आयुष खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने अपने सम्बोधन में कहा कि अब सनातन धर्म के अभ्युदय का समय आ गया है ,सनातन धर्म न कभी मिटा है न कभी समाप्त हो सकता है ।आज विदेशों में भी सनातन के महत्व को समझने लगे हैं जिसके परिणाम स्वरूप वहां भी भी अक्षय धाम की विशाल मन्दिर बन रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि जनपद आजमगढ़ चंद्रमा,दत्तात्रेय एवं दुर्वासा आदि प्राचीन ऋषियों की धरती है।हम इस सरस्वती के मन्दिर में आकर जो मुझे आत्मिक सुख हुआ है वह मुझे किसी अन्य बड़े विश्व विद्यालयों में भी कहीं नहीं मिली । आज हमारी सरकार में संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को भी छात्र वृत्ति की योजना का लाभ दिया है ।हमारी कोशिश है कि संस्कृत पाठ शाला के बच्चों को भी मध्याह्न भोजन की योजना से जोड़ा जय ।इस विद्यालय के विकास में हर सम्भव प्रयास करेंगे ।

विद्यालय के प्रधानाचार्य पं सूर्य नारायण पाठक ने मुख्य अतिथि डॉ दया शंकर मिश्र दयालु , विद्यालय के प्रबंधक पं ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ,श्री प्रकाश पाण्डेय,गोरख शर्मा व त्रिभुवन शर्मा के प्रति निधि विवेक शर्मा,इंजीनियर कैलाश चतुर्वेदी, ऋषि कांत राय, डा कृष्ण मोहन त्रिपाठी,फौजदार सिंह आदि का माल्यार्पण एवं अंग वस्त्रम एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर स्वागत किया ।

विद्यालय के प्रबंधक ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने अपने सम्बोधन दौरान कहा कि हमारा विद्यालय प्राचीन गुरुकुल परंपरा का पालन करते हुए भारतीय संस्कृति,संस्कार एवं संस्कृत भाषा को जीवंत रखने के लिया कृत संकल्पित है । संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाला कोई भी बच्चा बेरोजगार नहीं रह सकता है । संस्कृत भाषा व्याकरण की दृष्टि से सभी भाषाओं की तुलना में सबसे अधिक परिष्कृत एवं शुद्ध होती है ।इस लिए आज वाकिंग कंप्यूटर निर्मित करने में संस्कृत भाषा को सर्वथा उपयोगी माना जा रहा है। ऐसे में भविष्य में संस्कृत भाषा के विद्वानों की बहुत मांग होगी ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रजेश नन्दन पाण्डेय तथा संचालन साहित्यकार संजय कुमार पांडे सरस ने किया ।

इस दौरान गिरीश चतुर्वेदी,विश्वदेव उपाध्याय,सतीश मिश्र,मनोज कुमार त्रिपाठी,सतीश पाण्डेय, संजीव पाण्डेय,गंगा शंकर मिश्र,हरिराम उपाध्याय,उपेंद्र दत्त शुक्ला ,प्रवीण पाण्डेय,कृष्ण कांत मिश्रा,विनोद मिश्रा,भूपेंद्र सिंह मुन्ना,दीपक राय,मनोज उपाध्याय, डा राजेश त्रिपाठी,संदीप चौबे,सौरभ उपाध्याय,राहुल पाण्डेय,राम संजीवन पाण्डेय,दिवाकर सिंहआदि उपस्थि थे ।

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