05/07/2025
10022403281002240178Picsart_25-05-23_23-23-40-978Picsart_25-05-12_18-07-06-196

जमीन का बैनामा करा कर भवन निर्माण कराने वाले की ना मौजूदगी में रसूखदारी के बल पर कब्जा करके चलाया जा रहा इंस्टिट्यूट

0

जमीन का बैनामा करा कर भवन निर्माण कराने वाले की ना मौजूदगी में रसूखदारी के बल पर कब्जा करके चलाया जा रहा इंस्टिट्यूट

आइडियल इंडिया न्यूज़

ओमप्रकाश गुप्ता खेतासराय जौनपुर

जौनपुर शहर से लगभग 20- 22 किलोमीटर जौनपुर शाहगंज मार्ग पर पड़ने वाले भुड़कुड़हा क्षेत्र में एक पैरा मेडिकल एण्ड नर्सिंग इंस्टिट्यूट चलाया जा रहा है जो कि इस्लामिक वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थान के भवन में चल रहा है! प्राप्त जानकारी के अनुसार इंस्टिट्यूट को चलाने वाले व्यक्ति द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि यह भवन उन्होंने उचित प्रतिफल देकर 10 साल के लिए अनुबंधित किया है! यह भी उल्लेखनीय है कि इस्लामिक वेलफेयर सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि यह भवन उन्होंने किसी को भी 10 साल के लिए अनुबंधित नहीं किया है !बल्कि उसमें पिछले कई साल से छोटे बच्चों का शिक्षण कार्य किया जाता रहा और पिछले 2 साल से करोना काल में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत बंद कर दिया गया था, जो कि आज तक नहीं चालू किया गया और उस में ताला बंद कर दिया गया! संस्था के बाई लाज के अनुसार किसी भी प्रकार के निर्णय लेने का सर्वाधिकार संस्था के जनरल सेक्रेटरी को है इसके अलावा किसी को नहीं! इस पद के अलावा यदि कोई भी व्यक्ति द्वारा संस्था के अधिकारों का दुरूपयोग किया जाता है या कोई भी आदेश या अनुबंध किया जाता है तो वह संवैधानिक तरीके से गलत है ! संस्था के जनरल सेक्रेटरी द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि 10 साल के लिए भवन का अनुबंध किसी भी गैर व्यक्ति द्वारा किया जाना नियम के पूरी तरह विरुद्ध है और उसमें अवैध रूप से जबरन कब्जा किया जाना अपराध की श्रेणी में आता है!

अब सवाल यह उठता है कि उक्त पैरामेडिकल एण्ड नर्सिंग इंस्टिट्यूट को 10 साल के लिए अनुबंधित किस व्यक्ति द्वारा किया गया है ?क्या वह व्यक्ति इस अनुबंध पत्र को लिखने का अधिकारी है? यदि वह अधिकारी नहीं है तो यह अनुबंध करने और कराने वाले दोनों ही दोषी की श्रेणी में आते हैं!

इस मामले में दोनों पक्ष एक दूसरे के सामने हैं और अपने-अपने दावे कर रहे हैं जो कि जांच का विषय है! इस्लामिक वेलफेयर सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि उन्होंने सन 2010 में जमीन को वहीं के क्षेत्र के एक व्यक्ति द्वारा बैनामा कराया गया था जिस पर भवन बनवा कर मदर आयशा चिल्ड्रन एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के ब्रांच के रुप मे चलाया जा रहा था जिसकी मुख्य शाखा जौनपुर मुख्यालय पर है!

यह भी पता चला है कि संस्था के जनरल सेक्रेटरी तब अचानक अवाक रह गए जब उन्हें यह पता चला कि किसी एक ऐसे व्यक्ति द्वारा जिसे कि सन् 2017 में ही अध्यक्ष पद से संस्था द्वारा निष्कासित कर दिया गया था, उसने साजिशन और रंजिशन विपक्षी को गुमराह व अंधेरे मे रखते हुए कुछ पैसे लेकर 10 साल के लिए इन्स्टीट्यूट चलाने के लिए अधिकृत कर दिया है! मुमकिन है कि विपक्षी को अच्छी तरह ना मालूम हो जिस व्यक्ति से अधिकार पत्र प्राप्त कर रहे हैं वह वास्तव में अधिकार पत्र को जारी करने का अधिकारी है या नहीं? बहरहाल ,इस बात को लेकर दोनों पक्षों में आपसी बातचीत चल रही है !उम्मीद है कि मामले का हल जल्द निकल आएगा!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed