सिविल कोर्ट से अस्थग्न आदेश के बावजूद,लेखपाल ने लगाया फर्जी रिपो
आजमगढ़
सिविल कोर्ट से अस्थग्न आदेश के बावजूद,लेखपाल ने लगाया फर्जी रिपो
बिपक्ष विवादित भूमि पर कर रहा जबरन निर्माण कार्य-
आइडियल इंडिया न्यूज़
विजय अग्रवाल आजमगढ़
मार्टीनगंज तहसील अंतर्गत सरायमीर थाना क्षेत्र के सिकरौर सहबरी में स्थित गाटा संख्या 1250/2 व 1248 पर भूमिधरी व चक को लेकर सिविल कोर्ट में मुकदमा संख्या 824/87 शिवप्रसाद बनाम समसुद्दीन चल रहा है। जिसमें आजमगढ़ दीवानी न्ययालय द्वारा दिनांक 20-10-1987 को वाद के निस्तारण तक स्थगन आदेश पारित हैं ।
जहाँ दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं के समक्ष कोर्ट ने स्थगन आदेश में स्पष्ट किया की विवादित भूमि पर तीन कमरों की दीवाल 34 रद्दा बन चुकी है इसलिए सिर्फ स्लैप डालने की अनुमति दी जाती है।इसके अतिरिक्त उभयपक्ष यथास्थिति बनाएं रखेंगे। बताते चलें कि गत दिवस पहले उक्त विवादित भूमि को डेमरी मखदूमपुर निवासी पंकज यादव पुत्र कल्पनाथ यादव ने रुखसाना खातून पत्नी शफीक व अन्य लोगों से 43.37कड़ी जमीन को चौथा बैनामा लिया और हाईकोर्ट के डायरेक्शन के बाद दाखिल खारिज भी हो गया । उक्त भूमि को इसके पहले भी 3 लोग रजिस्ट्री ले चुके हैं पर न्ययालय के आदेश पर निर्माण कार्य रुका रहा। पर आज उक्त विवादित जमीन पर पंकज द्वारा सटर व अन्य निर्माण कराया जा रहा था जिसे मुकदमे में वादी सतेंद्र सिंह पुत्र शिवप्रसाद के शिकायत पर सरायमीर थाना प्रभारी विवेक पांडे द्वारा निर्माण कार्य रुकवाते हुए दोनों पछो को कहा गया कि लेखपाल की रिपोर्ट व सम्बंधित अधिकारी का आदेश लाएं ।जहाँ पंकज यादव ने विवादित भूमि पर लेखपाल से रिपोर्ट मांगा ।वहीं लेखपाल ने दूसरे पक्ष सतेंद्र सिंह से सम्बंधित विवादित जमीन पर कोर्ट में चल रहे मुकदमे के कागजात मांगा। और सम्पूर्ण कागजात व अस्थग्न आदेश की नकल देखने के बाद भी लेखपाल द्वारा अपनी रिपोर्ट में दर्षाया गया कि बिवादित तीनो कमरे अस्थग्न आदेश से परे हैं । वहीं वादी सतेंद्र सिंह ने लेखपाल द्वारा अपनी रिपोर्ट में गलत आख्या की लिखित शिकायत पत्र मननीय शिविलकोर्ट, व उपजिलाधिकारी को सौपी जहाँ तत्काल मार्टीनगंज S D M ने सरायमीर थाना प्रभारी को निर्देशित करते हुए कहा कि दोनों पछों के कागजात देखकर व सुनकर नियमानुसार निस्तारण करें। वहीं जब उपजिलाधिकारी विशाल कुमार से लेखपाल के फर्जी आख्या के सम्बंध में बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कर लेखपाल पर कार्यवाही की जाएगी।
वहीं मुकदमे में वादी सतेंद्र सिंह ने कहा कि उक्त बिवादित जमीन व तीन कमरे का अर्ध निर्मित मकान गाटा संख्या 1250/2 पर है जिसपर माननीय शिविलकोर्ट न्ययालय द्वारा वाद के निस्तारण तक अस्थग्न आदेश पारित है। बिपछि पंकज यादव द्वारा जो बैनामा सुदा जमीन खाता संख्या 221 बताई जा रही वह गाटा संख्या 1250/2 का अंश है अब ध्यान देंगे योग्य बात यह कि जब गाटा संख्या 1250/2 के सम्पूर्ण भाग पर न्ययालय द्वारा 1987 से वाद के निस्तारण तक अस्थग्न आदेश पारित है तो उसी गाटा संख्या 1250/2 के अंश के खाता संख्या 221 पर क्यों नही प्रभावी रहेगा। जहां लेखपाल अवधेश कुमार गुप्ता द्वारा फर्जी रिपोर्ट लगयी गयी है।
अब बड़े मजे की बात यह कि एक तरफ मार्टीनगंज तहसीलदार हेमंत कुमार बिंद द्वारा न्ययालय के अस्थग्न आदेश के सम्पूर्ण कागजात देखने के बाद विवादित भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया गया तो दूसरी तरफ उसी भूमि पर लेखपाल द्वारा एस डी एम के समक्ष गलत रिपोर्ट सौंप कर निर्माण कार्य कराने के लिए आदेश कराया गया । वहीं वादी सतेंद्र सिंह द्वारा कहा गया कि यदि सम्बंधित अधिकारी माननीय शिविलकोर्ट का अस्थग्न आदेश नहीं मानते हैं तो हमे मजबूरन हाईकोर्ट तलब कराना होगा।