राम जन्म होते ही जयकारो से गूंज उठा मैदान – राम जन्म की लीला देख मंत्र मुग्ध हुए दर्शक —
राम जन्म होते ही जयकारो से गूंज उठा मैदान –
राम जन्म की लीला देख मंत्र मुग्ध हुए दर्शक —
बृजेश पाण्डेय
मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर) |
श्री राम लीला कमेटी गुड़हाई के तत्वावधान मे चल रही रामलीला के तीसरे दिन शुक्रवार को राम जन्म व जानकी जन्म की लीला का भव्य मंचन किया गया | जानकी जन्म की लीला में जनकपुर के राजा जनक के राज्य में कई वर्षों से वर्षा नहीं होने से प्रजा में त्राहि त्राहि मच गई । प्रजा एकत्रित होकर राजा जनक से फरियाद करते है कि महाराज जनक जी स्वयं अपने हाथों से हल चलाएंगे तो राज्य में पानी बरसेगा ।जैसे ही महाराज जनक हल चलाते है तो भूमि में से एक मंजूसा निकलता है ।
जिसे खोला गया तो उसमें से एक सुन्दर कन्या मिलती है वही देवी सीता का जन्म होता है। सीता जन्म के बाद राम जन्म का मंचन किया गया।उधर महाराज मनु और सतरूपा ने भगवान श्री बिष्णु को पुत्र के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उनको वरदान मांगने के लिए कहा तब मनु ने चाही तुमही समान सुत कह कर अपनी इच्छा ब्यक्त की | भगवान विष्णु ने पुत्र रूप में जन्म लेने का वरदान दे दिया। अयोध्या के महाराज दशरथ को संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी। कुल गुरु वशिष्ठ ने पुत्र विहीन महाराजा दशरथ का दुख समझा। उन्होंने पुत्रेष्ठि यज्ञ का आयोजन कराया, जिसके प्रभाव से दशरथ की रानियां गर्भवती हुईं। उसके बाद राम,भरत,लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। राम जन्म होते ही पूरा रामलीला मैदान जयकारों से गूंज उठा । आज की रामलीला में महाराज दशरथ की भूमिका हनुमान दीन सल्लू ,ब्रह्मा की भूमिका अजय गुप्ता , गुरु वशिष्ठ की भूमिका सानंद गुप्त , महाराज जनक की भूमिका दिनेश गुप्त महारानी कौशल्या की भूमिका चंदन कसेरा , श्रृंगी ऋषि की भूमिका नगर पालिका अध्यक्ष शिव गोविंद शाहू ,भगवान शंकर की भूमिका देवीप्रसाद गुड्डू भगवान विष्णु की भूमिका विष्णु सरोज ,अग्निदेव की भूमिका आंशिक गुप्ता ने निभाई । इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष पशुपति नाथ गुप्त ,निर्देशक लाल बहादुर सिंह महंत संगम लाल गुप्त , शैलेन्द्र साहू ,आकाश गुप्त गोलू , अवधेश जायसवाल सहित अन्य सभी पदाधिकारी एवं भारी संख्या मे नगर के गणमान्य दर्शक उपस्थित हो कर राम लीला का आनन्द लिया |