06/07/2025
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हरियाणा चुनाव का असर झारखंड, महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों पर दिखेगा । 

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हरियाणा चुनाव का असर झारखंड, महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों पर दिखेगा ।

कमल कुमार कश्यप

  1. रांची झारखंड बिहार

रांची । हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन 15 साल बाद सरकार बनाने जा रहा है। वहीं हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सत्ता में वापसी कर रही है। हरियाणा के गठन के बाद से अब तक कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार नहीं बना सकी है। हरियाणा जीत से पार्टी को बूस्ट मिला है, जिसका असर अगले तीन महीने में होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दे सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 और झारखंड का 5 जनवरी, 2025 को खत्म हो रहा है।

 

चुनाव आयोग दशहरे के बाद महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है साथ ही 6 राज्यों की 28 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी हो सकता है। महाराष्ट्र में महायुति यानी शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी अजित गुट की सरकार है। एंटी इन्कंबेंसी और छह बड़ी पार्टियों के बीच बंटने वाले वोट को साधना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। 2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में इंडिया गठबंधन को 30 और एनडीए को 17 सीटें मिली थीं। इनमें बीजेपी को 9, शिवसेना को 7 और एनसीपी को 1 सीट हासिल हुई थी। बीजेपी को 23 सीटों का नुकसान हुआ था। 2019 लोकसभा चुनाव से एनडीए को 41 सीटें मिली थीं। 2014 में यह आंकड़ा 42 था। यानी आधे से भी कम। विपक्षी गठबंधन के एक सर्वे में राज्य की 288 सीटों पर एमवीए यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीटें मिलने का अनुमान है। बीजेपी के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और एनसीपी में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिंपथी है।

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली सरकार है। इसमें कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं। बीजेपी को झारखंड में सरकार बनाने के लिए संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल की 32 सीटों पर फोकस करना होगा। संथाल परगना की 18 विधानसभा सीटों में से सिर्फ तीन सीटें बीजेपी के पास हैं। पिछले चुनाव में कोल्हान प्रमंडल की 14 विधानसभा सीटों पर तो बीजेपी का खाता भी नहीं खुल पाया। जमशेदपुर पूर्वी से तत्कालीन सीएम रघुवर दास को भी हार का सामना करना पड़ा।

जनवरी में भ्रष्टाचार के मामले में सीएम पद से इस्तीफा देकर हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा। हालांकि, जमानत मिलने के बाद वे बाहर आए और चंपई सोरेन से 156 दिन में सीएम का पद वापस ले लिया। इसके बाद चंपई बीजेपी में शामिल हो गए। झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के साथी रहे चंपई को कोल्हान टाइगर भी कहा जाता है।

 

यूपी में 10, राजस्थान में 6, पंजाब में 5, बिहार में 4, मध्य प्रदेश में 2 और छत्तीसगढ़ में एक सीट पर उपचुनाव होना है। इनमें से पंजाब छोड़कर सभी जगह बीजेपी सत्ता में है। लिहाजा एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर से लड़ने के साथ उम्मीदवार का लोकल कनेक्ट ही चुनाव नतीजे तय करेगा। चुनाव लिस्ट में अगला नाम दिल्ली का है, जहां विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म होगा। दिल्ली में पिछले 10 साल से आम आदमी पार्टी सत्ता में है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल नवंबर में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

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