सीतापुर में किसान पर बाघ का हमला:खेत में काम कर रहा था युवक, झाड़ियों से निकला बाघ, सिर और हाथ में आई चोट*

*सीतापुर में किसान पर बाघ का हमला:खेत में काम कर रहा था युवक, झाड़ियों से निकला बाघ, सिर और हाथ में आई चोट*
*आइडियल इंडिया न्यूज़ सीतापुर पुनीत यादव*
सीतापुर में एक किसान पर बाघ ने हमला कर दिया। युवक अपने खेत में काम कर रहा था, उसी समय झाड़ियों से निकले बाघ ने अचानक हमला किया। आसपास के लोगों के शोर मचाने पर बाघ भागा। घायल किसान का इलाज चल रहा है।
लहरपुर क्षेत्र के गांव मुस्काबाद में शुक्रवार सुबह किसान वीरेंद्र (28) अपने खेत में काम कर रहा था। इसी दौरान झाड़ियों से निकले एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। वीरेंद्र की आवाज सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान मौके पर पहुंचे।
उन्होंने लाठी-डंडों से शोर मचाकर बाघ को भगाया। हमले में वीरेंद्र के सिर और हाथ में चोटें आई हैं। घायल वीरेंद्र को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसेंडी ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई है।जिला अस्पताल किया रेफर
हालांकि गंभीर चोटों के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। क्षेत्र में पहले भी बाघ दिखने की सूचनाएं मिल चुकी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने बाघ को पकड़ने और गांव में गश्त बढ़ाने की मांग की है। ग्रामीणों ने वन विभाग को चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।
इससे पहले भी हो चुके हमले
28 अप्रैल को महिला लल्ली देवी ने खेतों में काम करने के दौरान बाघ होने की तस्दीक की थी। 1 मई को ग्राम निबौरी निवासी 52 वर्षीय राम शरण पुत्र श्रीकृष्ण अपने खेत में पानी लगा रहे थे। इसी दौरान उन पर जंगली जानवर ने हमला कर दिया। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए।वन विभाग ने बाघ होने से किया था इंकार
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। घायल राम शरण को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। वन विभाग की टीम ने भी अस्पताल पहुंचकर घायल से घटना की जानकारी ली। हालांकि, वन विभाग ने बाघ द्वारा हमला किए जाने की बात से इनकार किया है।
पगचिह्न की हो रही जांच
वन क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि किसान पर किए गए हमले के बाद पगचिह्न की जांच की जा रही है अभी जानवर की पुष्टि नहीं हुई है। कांबिंग की जा रही है। इस क्षेत्र के अलग अलग हिस्सों में पगचिह्न काफी समय पहले मिले थे, पिंजरा लगाकर पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।