05/07/2025
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*उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मुफ्त की सौगात देने का वादा करने के राजनीतिक दलों के चलन के ‘‘गंभीर’’ मुद्दे पर होनी चाहिए “चर्चा

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*उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मुफ्त की सौगात देने का वादा करने के राजनीतिक दलों के चलन के ‘‘गंभीर’’ मुद्दे पर होनी चाहिए “चर्चा

आइडियल इंडिया न्यूज़
अनीस अहमद बख्शी एडवोकेट प्रयागराज

विशेष रिपोर्ट

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जब तक राजनीतिक दलों के बीच इस बात को लेकर आम सहमति नहीं बनती कि …. मुफ्त की सौगात अर्थव्यवस्था को कर देगी बर्बाद और इन्हें रोका जाना चाहिए….. तब तक कुछ नहीं हो सकता*
*शीर्ष अदालत ने कहा …..भारत सरकार क्यों नहीं बुलाती ….. सर्वदलीय बैठक*……*मुद्दा गंभीर है इसमें नहीं है कोई शक*

*प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण….. न्यायमूर्ति ….. हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने चुनाव के दौरान दलों द्वारा इस प्रकार के वादे किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनाई के दौरान की ये टिप्पणियां*

 

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*याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सुझाव दिया कि पूर्व सीजेआई आर. एम. लोढ़ा जैसे शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इस मामले में प्रस्तावित समिति का होना चाहिए अध्यक्ष* …….*इस पर न्यायमूर्ति एन. वी. रमण ने टिप्पणी की …… कोई व्यक्ति जो सेवानिवृत्त हैं या सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, उनका इस देश में नहीं है कोई पूछ*

*वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा की ….. उन्होंने गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ की ओर से एक अर्जी की है दाखिल* ……..*अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील देते हुए कहा है कि तीन प्रकार की मुफ्त की सौगातों पर होनी चाहिए रोक – जो भेदभावपूर्ण हैं अथवा जो मूलभूत अधिकारों का करती हों उल्लंघन …… जो लोक नीतियों के खिलाफ हों और जो चुनाव के ठीक पहले की गईं हों पेश*

*सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कई ऐसे राजनीति दल हैं जो राज्य अथवा केन्द्र में सत्ता में नहीं हैं और इस प्रकार के कर रहे हैं वादे*

*पीठ ने प्रश्न किया कि भारत सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुला सकती है….. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि राजनीतिक दल पहले ही न्यायालय में हैं और दावा कर रहे हैं कि ये उनका अधिकार है*

*तमाम दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह पूर्व के फैसलों को देखेगी ….. और तीन न्यायाधीशों वाली पीठ गठित करने पर करेगी विचार*

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