वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग कार्यों के चलते पंजाब मेल का रूट डायवर्ट व वाराणसी इंटरसिटी लोहता स्टेशन तक, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी

*वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग कार्यों के चलते पंजाब मेल का रूट डायवर्ट व वाराणसी इंटरसिटी लोहता स्टेशन तक, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी*

कृष्ण कुमार अग्रहरि सारनाथ वाराणसी

 

वाराणसी कैंट स्टेशन पर यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य तीन चरण में हो रहा है,दो चरण का कार्य समाप्त हो गया हैं, कल बुधवार 20सितंबर से तीसरे चरण का कार्य शुरू होने वाला है,यार्ड रीमॉडलिंग कार्यो के चलते बादशाहपुर रेलवे स्टेशन पर ठहराव वाली ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं, जिसमे हावड़ा से अमृतसर जाने वाली 13005/13006 पंजाब मेल कल 20 सितम्बर बुधवार से 15 अक्टूबर, 2023 तक चलने वाली अपने निर्धारित मार्ग किऊल -पटना-पं0 दीनदयाल उपाध्याय जं0- वाराणसी ज0- जंघई जं0-प्रतापगढ़ जं0- रायबरेली जं0 – लखनऊ के स्थान पर परिवर्तित मार्ग किऊल जं0-बरौनी जं0-हाजीपुर जं0-छपरा जं0-गोरखपुर जं0-बाराबंकी जं0 -लखनऊ के रास्ते चलायी जायेगी।

14203/14204 लखनऊ- वाराणसी- लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस कल 20 सितम्बर बुधवार से 15 अक्टूबर तक लोहता रेलवे स्टेशन पर अपनी यात्रा समाप्त करेगी और शाम छह बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगी,14204 लोहता रेलवे पर सुबह11:48 पर पहुचेंगी वही से शाम छह बजे लोहता से चलकर लखनऊ जाएगी।

 

14203/14204 लखनऊ-वाराणसी-लखनऊ इंटरसिटी व 04267/04268 प्रतापगढ़ जं0-वाराणसी जं0-प्रतापगढ़ स्पेशल पैसेंजर ट्रेन 15 अक्टूबर तक वाराणसी रेलवे जं0 से लोहता रेलवे स्टेशन के बीच निरस्त रहेगीं।

 

बनारस से देहरादून जाने वाली 15119 बनारस-देहरादून जं0 जनता एक्सप्रेस बनारस से और बनारस से नई दिल्ली जाने वाली 15127 बनारस-नई दिल्ली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस बनारस से 1अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक निरस्त रहेंगी।

नई दिल्ली से बनारस जाने वाली 15128 नई दिल्ली -बनारस काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस नई दिल्ली से और देहरादून जं0 से बनारस जाने वाली 15120 देहरादून- बनारस जनता एक्सप्रेस 2 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक

देहरादून से निरस्त रहेंगी जिससे अगले दिन बादशाहपुर रेलवे स्टेशन पर नहीं आएगी।

बनारस से प्रतापगढ़ जं0 जाने वाली 05117/ 05118 बनारस-प्रतापगढ़ स्पेशल पैसेंजर ट्रेन (वीपीएल) बनारस व प्रतापगढ़ जं0 से और बनारस से लखनऊ जाने वाली 15107/15108 बनारस-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस बनारस व लखनऊ से 3 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक निरस्त रहेगी।

 

वाराणसी कैंट स्टेशन के यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य तीन चरणों में होगा यह कार्य उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल से जारी अधिसूचना अनुसार यह कार्य तीन चरणों (प्री-बिफोर नॉन इंटरलॉकिंग, बिफोर नॉन इंटरलॉकिंग और नॉन इंटरलॉकिंग) में होगा। इस दौरान सिग्नलिंग मॉर्डनाइजेशन किया जाएगा। कैंट स्टेशन के लोहता और शिवपुर साइड में एक से 19 सितम्बर तक प्री-बिफोर एनआई, 20 सितम्बर से पांच अक्तूबर तक बिफोर एनआई और छह से 15 अक्तूबर तक नॉन इंटरलॉक होगा।

वहीं, काशी छोर पर 11 सितम्बर से 19 सितम्बर तक प्री-बीएनआई, 20 सितम्बर से पांच अक्तूबर तक बीएनआई और छह से 15 अक्तूबर तक नॉन इंटरलॉकिंग कार्य होगा। बेगमपुरा, महाकाल समेत कई ट्रेनें अब लोहता व सुल्तानपुर रेलवे स्टेशन से चलाई जाएंगी। कई ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। कुछ बदले मार्ग से चलेंगी। सिग्नल बंद रहेगा, इसलिए ट्रेनें कॉशन पर चलाई जाएंगी। इसके लिए 25 हट बनाए जा रहे हैं। एक हजार अतिरिक्त कर्मचारी लगाए गए हैं। हर हट में 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती रहेगी। कर्मचारी रेलवे ट्रैक की सतत निगरानी करेंगे।

 

*अत्याधुनिक हो जाएगा कैंट स्टेशन*

 

एडीआरएम और स्टेशन निदेशक ने बताया कि यार्ड रिमॉडलिंग पूरा होने के बाद ट्रेनों का परिचालन ऑटोमेटिक सिगनलिंग सिस्टम और इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के जरिये होगा। पॉवर केबिन से यह व्यवस्था संचालित होगी। एक तरह से कहा जाए तो कंप्यूटराइड सिस्टम से पॉवर केबिन लैस हो जाएगा। पहले कर्मी अपनी सीट से खड़े होकर बटन दबाकर ट्रेनों को प्लेटफॉर्म पर लाते थे, अब अपने कुर्सी पर बैठे ही माउस के जरिए ट्रेनों को प्लेटफॉर्मों पर प्लेस कर सकेंगे। ऐसा सिस्टम शिवपुर स्टेशन पर है।

 

*स्टेशन पर पहले नौ थे प्लेटफॉर्म,यार्ड रिमॉडलिंग के बाद इनकी संख्या 11 हो जाएगी।*

 

पहले तीन ही प्लेटफॉर्म फुल लेंथ के थे। अब 11 हो जाएंगे। 24 कोच की ट्रेनें खड़ी हो सकेंगी।

पहले 12 रनिंग लाइनें थी। अब 15 हो जाएंगी

पहले दो गुड्स लाइनें थीं। इनकी संख्या छह हो जाएंगी

पहले वॉशिंग की चार लाइनें थी। अब आठ हो जाएंगी

फुल लेंथ की दो वॉशिंग लाइनें थीं। इसकी संख्या आठ हो जाएगी।

पहले तीन स्टेबलिंग लाइन थी, अब आठ हो जाएगी

नौ डायमंड क्रॉसिंग थे। आठ खत्म होकर एक रह जाएगी

कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से लैस होगा पॉवर केबिन

 

*वर्ष 1994 के बाद वाराणसी कैंट स्टेशन पर इस बार बड़े पैमाने पर हो रही है यार्ड रीमॉडलिंग*

 

इससे पहले कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) की यार्ड रीमॉडलिंग वर्ष 1994 में हुई थी। करीब 30 साल बाद फिर से आज एक सितम्बर से यहां काम फिर शुरू होने जा रहा है। इस बीच, 29 वर्षों में यहां ट्रेनों और यात्रियों की संख्या तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 1994 में यार्ड रीमॉडलिंग के दौरान ट्रेनों के सुगम परिचालन के लिए पॉवर केबिन (कंट्रोल रूम) बनाया गया। जहां मैनुअल सिस्टम बदलकर एब्सोल्यूट ब्लॉक सिग्नल सिस्टम एवं रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) सिस्टम से ट्रेनों को चलाया जाने लगा। उस समय कुल 40 जोड़ी गाड़ियों का परिचालन होता था। जिससे औसतन 25 से 28 हजार यात्री सफर करते थे। इस समय कैंट स्टेशन से देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस कुल 112 जोड़ी गाडियों (प्रतिदिन, द्विसाप्ताहिक, त्रैसाप्ताहिक व साप्ताहिक को मिलाकर) का परिचालन हो रहा है। इस समय औसत यात्री संख्या 81 हजार के आसपास है। इधर बीच, ट्रैफिक सुगम करने और यात्री सुविधाओं के मद्देनजर स्थायी और अस्थायी तौर पर नौ जोड़ी गाड़ियों को बनारस और चार जोड़ी गाड़ियों को वाराणसी सिटी शिफ्ट कर दिया गया। यार्ड रीमॉडलिंग के बाद नए पॉवर केबिन में विश्वस्तरीय तकनीक युक्त कम्प्यूटर बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम ट्रेनों के परिचालन को और सुगम बनाएगा।

 

एडीआरएम ने कहा कि वर्ष 1994 के बाद अब स्टेशन पर मेजर यार्ड रीमॉडलिंग का काम हो रहा है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से रद्द किया गया है। 45 दिन के दौरान अलग-अलग तिथियों में कुल 39 जोड़ी ट्रेन में रद्द की गई हैं। 14 जोड़ी ट्रेन दूसरे स्टेशनों से चलेंगी। उन्होंने कहा कि एक सितंबर से 15 अक्टूबर तक गाजीपुर-कोलकाता शब्दभेदी सुपरफास्ट एक्सप्रेस, वाराणसी-आसनसोल मेमू, वाराणसी- भटनी स्पेशल और गाजीपुर- प्रयागराज संगम स्पेशल ट्रेनें रद्द की गई हैं। स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा कि यार्ड रीमॉडलिंग का काम शुरू होने पर प्लेटफार्म नंबर 3 से ट्रेनों का आवागमन बंद कर दिया जाएगा।

बनारस छोर पर इसकी चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। पटरियों की लंबाई बढ़ाने के साथ ही उन्हें सीधा किया जाएगा। प्लेटफार्म खाली नहीं रहने और डायमंड क्रॉसिंग जैसी वजहों के कारण दूसरे छोर से आ रही गाड़ियों के गुजरने से कैंट स्टेशन पर हर रोज करीब 21 ट्रेनें लेट होती हैं। आउटर सिग्नल से यार्ड तक घंटों ट्रेनें खड़ी रहती हैं। इससे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

*ट्रेनों के परिचालन में बदलाव*

कैंट स्टेशन के रीमॉडलिंग को लेकर ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है। फेजवार ट्रेनों का परिचालन रद्द करने और रूट डायवर्जन का दिशा निर्देश जारी हुआ है। 1 से 10 सितंबर तक 4 जोड़ी ट्रेनों को रद्द किया गया है। सात जोड़ों की ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है। वहीं, 11 से 19 सितंबर तक 12 जोड़ी गाड़ियां रद्द रहेंगी। 8 जोड़ी गाड़ियों का रूट डायवर्ट किया गया है। 20 सितंबर से 5 अक्टूबर तक 16 जोड़ी ट्रेनें कैंसिल की गई हैं। 20 जोड़ी ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है। 6 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक सात जोड़ी गाड़ियां रद्द की गई हैं। तीन जोड़ी ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है। स्टेशन रीमॉडलिंग को लेकर तीन चरणों में कार्य पूरा कराए जाने की तैयारी की गई है।

*बदल जाएगा कैंट स्टेशन का स्वरूप*

वाराणसी कैंट स्टेशन की रीमॉडलिंग के बाद अलग लुक देखने को मिलेगा। रीमॉडलिंग के बाद दो नए प्लेटफार्म आकार ले लेंगे। प्लेटफार्म नंबर- 10 और प्लेटफार्म नंबर- 11 बनकर तैयार होने के बाद संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी। सभी प्लेटफार्म पूर्ण आकार यानी 650 मीटर के होंगे। इस पर 22 से 24 कोचों वाली ट्रेनें आसानी से खड़ी हो सकेंगी। तीन पटरियां बढ़ने से रनिंग लाइनों की संख्या 15 हो जाएगी। इससे ट्रेनों का परिचालन आसान होगा। गुड्स लाइन तैयार होने से उनकी संख्या 6 हो जाएगी। गुड्स ट्रेनों के परिचालन में इससे आसानी हो जाएगी। चार नई वॉशिंग लाइन बनने के बाद इसकी संख्या 8 हो जाएगी। इससे ट्रेनों की ढुलाई और प्राइमरी मेंटेनेंस का काम आसान हो जाएगा।

 

पांच स्टेबलिंग लाइन बनने से इसकी संख्या 8 हो जाएगी। इससे ट्रेनों के खड़े होने में दिक्कत नहीं होगी। कैंट स्टेशन पर 9 डायमंड क्रॉसिंग में सिर्फ एक रहेगी। इससे ट्रेनों का क्रॉस मूवमेंट काफी कम हो जाएगा। पटरियां कनेक्ट होने से लोहता से आने वाली ट्रेनें भी प्लेटफार्म संख्या- एक से तीन पर आ सकेंगी। यह सुविधा अभी नहीं है। कैंट और वाराणसी सिटी के बीच चिकन नेक लाइन खत्म की जाएगी। वाराणसी छोर और बनारस- लोहता कार्ड लाइन पर स्थित ब्लॉक हट जाएंगे। इससे मैनपावर की बचत होगी। पावर केबिन को नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा।

*चार व पांच प्लेटफॉर्म के बीच बिछेगी एक और लाइन*

रेल अधिकारियों के अनुसार प्लेटफाॅर्म संख्या पांच से मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेनें गुजरती हैं। मालगाड़ी को प्लेटफाॅर्म पर लेने के दौरान यात्री ट्रेनें यार्ड में खड़ी करनी पड़ती है। अब ऐसा नहीं होगा। प्लेटफाॅर्म संख्या चार और पांच के बीच एक और रेलवे लाइन बिछाई जाएगी, जाे गुड्स लाइन हो जाएगी। क्राॅस-मूवमेंट कम करने के लिए शिवपुर साइड से गुड्स बाईपास लाइन का निर्माण भी इसी 45 दिनों के अंदर हो जाएगा। कैंट निदेशक गौरव दीक्षित के अनुसार तीसरे प्रवेश द्वार के बनने से प्रथम प्रवेश द्वार पर यात्रियों का दबाव बहुत कम हो जाएगा

*खत्म हो जाएगा क्राॅसओवर, कर्मचारियों को सहूलियत*

रेल अधिकारियों के अनुसार नॉन इंटरलॉकिंग कार्य (एनआई) की वजह से लोहता साइड से प्लेटफाॅर्म संख्या एक से ट्रेनें नहीं चलेंगी। सभी लाइनें डायरेक्शनल हो जाएंगी। सीधी लाइन होने के कारण क्राॅसओवर खत्म हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, सिग्नल और पथ से जुड़े कर्मचारियों को भी कार्य करने में आसानी होगी

*तीसरे प्रवेश द्वार को भी बनाने पर जोर

मालगोदाम साइड के तीसरे प्रवेश द्वार के निर्माण कार्य को भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। मेगा ब्लॉक की अवधि में ही एफओबी और प्लेटफाॅर्म की लंबाई, ट्रैक बिछाने जैसे काम पूरे किए जाने हैं।

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