वाह रे पुलिस विभाग ….नामजद एफ आइ आर में नाम, लेकिन विवेचना में गायब

वाह रे पुलिस विभाग ….नामजद एफ आइ आर में नाम, लेकिन विवेचना में गायब

आइडियल इंडिया न्यूज़ जीपी गुप्ता

सोनभद्र । म्योरपुर जीवन आशा फाउंडेशन क्रिश्चियन संस्था के द्वारा नौकरी देने के नाम पर खुब धन, उगाही ,नौकरी नदारद सरकारी कर्मचारी, शिक्षा विभाग, अजीत पास्टर,एलाऊ, संदीप पास्टर, संतोष,यादव के उपर माननिय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जनपद सोनभद्र के आदेश पर दिनांक 01.02.2024 पुनः,बिबेचना के लिए कोर्ट द्वारा आदेश किया गया।जिसमें मुकदमा संख्या,73/2022, थाना, म्योरपुर, जनपद सोनभद्र, में एफ, आई आर दर्ज किया गया था, जिसमे संस्था के संचालक योगेंद्र कुमार थाना जंगीपुर जनपद गाजीपुर व वीरेन्द़ चौहान थाना चौबेपुर जनपद वाराणसी व अन्य लोग अभियुक्त थे, बिबेचना शुरू हुई जिसमे बिवेचक इंस्पेक्टर,काइम बा़न्च रामकुमार यादव के द्वारा बिबेचना शुरू हुई। विवेचना में मनमाने ढंग से पक्षपात करके सरकारी कर्मचारीयों का नाम हटा दिया गया जो मुल्जिम थे ।, सरकारी कर्मचारियो को जो धर्मान्तरण में लिप्त थे।उनको नौकरी के लालच में पैसा फोन पे, गुगल पे के द्वारा दिया गया था।बैंक का पुरा साक्ष्य सबूत 18 जिला के लोग आकर पुलिस लाइन चुर्क सोनभद्र में साक्ष्य सबूत विवेचक को दिये ।

विवेचक और,कुछ, लोगों का, साक्ष्य सबूत,और,नाम भी नोट किए लेकिन शामिल नही किया गया।यह समझ के परे है।भष्टाचार के बल पर मनमाने तरिके से बिबेचना किया गया ।

 

बतातें चले विवेचक रामप़ताप यादव क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर को विवेचना मिली। एफ आइ आर में सभी मुलजिमों का नाम दिया गया।उसके बाद चार्ज सिट सिर्फ दो लोगो के नाम से दाखिल किया गया। सरकारी कर्मचारी की सन्लिप्तता को भ्रष्टाचार के बल पर लेनदेन करके लिपा पोती कर दिया गया। बिबेचक महोदय ने बिबेचना से, नाम हटाकर बिबेचना किया। नौकरी के नाम पर बलिया, निवासी, सुरेश जी पैसा दिये थे।हार्ट अटैक से उनकी मौत हों गयी। उनका,सारा,सबुत भी, दिया गया।

घटना के वादी अशोक कुमार केसरी ने बताया कि विवेचक राम प्रताप यादव नम्बर एक का भ्रष्ट व्यक्ति है ।भ्रष्टाचार करके करोड़ों की चल अचल नामी बेनामी संपत्ति बनाया है। जिसके संपत्ति की जांच ई0 डी 0 द्वारा किया जाना जरुरी है । विवेचक राम प्रताप यादव धर्मांतरण के नाम पर करोड़ों रुपया के हेरा फेरी करने वाले मुजरिमों को बचाते हुए अपने अधिकार का बेजा इस्तेमाल किया। और इन्होंने करोडों की प्रॉपर्टी सोनभद्र, बनारस, लखनऊ में नामी बेनामी चल अचल सम्पत्ति बना रखी है

जब ऐसे ही भ्रष्ट विवेचक द्वारा विवेचना की जाएगी तो लोगों को न्याय कैसे मिलेगा। अब पुनःअशोक कुमार केसरी न्यायालय का दरवाजा भी खटखाटने को लिए तैयार है।

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