जिन हाथों में किताबे होनी थी उन नाबालिग बच्चो से कराई जा रही मजदूरी। शासनादेश को ताख पर रखकर पंचायत भवन में लटकता ताला

जिन हाथों में किताबे होनी थी उन नाबालिग बच्चो से कराई जा रही मजदूरी।
शासनादेश को ताख पर रखकर पंचायत भवन में लटकता ताला।
आइडियल इंडिया न्यूज शरद कपूर बिन्दू मौर्या
महमूदाबाद, सीतापुर
विकास खण्ड महमूदाबाद से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर जयरामपुर गांव में आर0आर0सेंटर का कार्य बड़ी ही जोरो के साथ प्रधान के द्वारा कराया जा रहा है इस निर्माणाधीन सेंटर में 2 नाबालिग बच्चों से मजदूरी का कार्य कराया जा रहा।नाबालिग बच्चों से मजदूरी कार्य कराए जाने की सूचना मिलते ही मीडिया कर्मियों के द्वारा मौके पर पहुँच कर उन नाबालिग बच्चो की जाँच पड़ताल किया तो नाबालिग दोनो बच्चो के द्वारा स्वयं को 14 वर्ष और दूसरे ने 15 वर्ष का पूर्ण होने का बताया जबकि उन बच्चो से शिक्षा के बारे में जानकारी की गई तो कक्षा 6 का और कक्षा 9 का छात्र बताया ।इसकी जानकारी जब जिला बाल संरक्षण ईकाइ की टीम को देने का प्रयास किया गया तो फोन नही लगा।और मजदूरी कर रहे बच्चो ने प्रधान के द्वारा नगद पैसे देकर कार्य करने को बताया और तो मीडिया टीम द्वारा आधार कार्ड मांगे जाने पर नाबालिग ने कहा कि मैं आधार जैसे कोई आई डी नही लाये हैं नाबालिगों को मजदूरी कार्य में लगाए जाने के बाद अक्सर ठेके के मजदूर होना बताया गया जबकि एक नए अपना निवास स्थान खेटौरा और दूसरे ने जयरामपुर का बताया और एक नाबालिग बच्चे ने अपना नाम अनुराग पुत्र रमेश और दूसरे ने विजय कुमार पुत्र अशोक कुमार बताया।जबकि सामान्य रूप से मजदूरी कार्य में लगे नाबालिग भी स्वयं को नाबालिग बताते हैं यही नजारा अक्सर देखने को मिलता है। इस निर्माणाधीन सेंटर में लाल पीला ईटो से कार्य कराया जा रहा।वही समीप में बने पंचायत भवन के सभी कमरों में ताला पडा हुआ नजर आया। और पंचायत सहायक अपना मानदेय लेकर मौज कर रहा है।अब सवाल यह उठता है कि योगी सरकार में क्या इसी तरह से नाबालिग बच्चों से कार्य कराया जाता रहेगा?क्या योगी सरकार में इसी तरह पंचायत सहायक अपना घर बैठे मानदेय लेता रहेगा?क्या ग्रामीण सरकारी योजनाओं के लिये इधर उधर भटकते रहेंगे?अब देखना यह है की खबर प्रकाशित होने के बाद क्या इन नाबालिक बच्चों के माता-पिता और पंचायत भवन में न बैठने पर कोई कार्यवाही होगी या इन बच्चों इसी तरीके से मजदूरी कार्य कराया जाता रहेगा या उच्च अधिकारी इस प्रकरण को संज्ञान में लेकर कोई ठोस कदम उठाएंगे या स्पष्टीकरण में जलेबी की तरीके से घूमा करके अपना कोरम पूरा करेंगे।