सहारा इंडिया से निवेशकों को नहीं मिल रहा पैसा, राजनीतिक दलों और संस्थाओं की चुप्पी से पीड़ित परिवार हताश

सहारा इंडिया से निवेशकों को नहीं मिल रहा पैसा, राजनीतिक दलों और संस्थाओं की चुप्पी से पीड़ित परिवार हताश
आइडियल इंडिया न्यूज शरद कपूर बिन्दू मौर्या सीतापुर
सीतापुर उत्तर प्रदेश देश की चर्चित कंपनी सहारा इंडिया समूह में निवेश करने वाले लाखों जमाकर्ता आज अपने ही पैसों के लिए दर-दर भटक रहे हैं। वर्षों पहले जमा की गई राशि की परिपक्वता के बाद भी न तो उन्हें भुगतान मिल रहा है और न ही कोई स्पष्ट जवाब। खासतौर पर सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड जैसी कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है।
हालांकि सरकार द्वारा सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत की गई, लेकिन अधिकांश पीड़ितों को न तो पोर्टल के माध्यम से भुगतान मिल पाया है और न ही सहारा के किसी कार्यालय या काउंटर से।
न्याय की उम्मीद लेकर बैठे निवेशकों को अब तक सिर्फ आश्वासन मिले हैं, परिणाम शून्य।
अदालतों से लेकर प्रशासन और संवैधानिक संस्थाओं तक कोई भी इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। निवेशक लगातार आर्थिक और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
राजनीतिक दलों की चुप्पी भी बेहद चिंताजनक है।
आश्चर्य की बात है कि जिस मुद्दे से लाखों परिवार प्रभावित हैं, उस पर कोई बड़ा राजनीतिक दल या जनप्रतिनिधि खुलकर आवाज नहीं उठा रहा। यह चुप्पी कहीं न कहीं निवेशकों की तकलीफों को और बढ़ा रही है।
निवेशकों का आरोप है कि सहारा इंडिया समूह लगातार उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर रहा है।
पैसा लौटाना तो दूर, सहारा द्वारा कोई स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी जा रही है। यह व्यवहार शोषण और उत्पीड़न की श्रेणी में आता है।
अब सवाल उठता है कि आखिर पीड़ित निवेशक जाएं तो जाएं कहाँ?
निवेशकों ने सरकार और न्यायपालिका से अपील की है कि मामले का संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को उनका वाजिब हक दिलाया जाए।