05/07/2025
10022403281002240178Picsart_25-05-23_23-23-40-978Picsart_25-05-12_18-07-06-196

भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न*

0

भारत साझी विरासत और विविधता का मुल्क : डॉ आरिफ

संविधान की अवधारणा पर चलने का लें संकल्प: चतुरानन ओझा

सामाजिक एकता के लिए संयम व जिम्मेदारी आवश्यक: पास्कल टिर्की

हमें अपने मूल्यों व धरोहरों को मजबूत बनाना होगा: राजेश भारतीय

*भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न*

कसया, कुशीनगर।
नगरपालिका परिषद कुशीनगर के सिसवा – महन्थ स्थित श्री राधाकृष्ण इंटर कालेज में आयोजित राष्ट्रीय एकता, शान्ति, सद्भाव एवं न्याय के लिए “भारत की परिकल्पना ” विषयक परिचर्चा आयोजित की गई।

 ji
मुख्य वक्ता गांधीवादी प्रो.मोहम्मद आरिफ ने कहा कि भारत हजारों सालो से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है। संविधान में समतामूलक समाज को संरक्षित करने की जिम्मेदारी राज्य की होगी जिससे लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारा के साथ अपनी विविधिता को मेंटेन करते हुए रह सकें। यह परिकल्पना थी आईडिया ऑफ इंडिया की। बेहतर तरीके से मेल जोल, स्वतंत्रता, समता, बन्धुता की बात कही गयी थी। भारत विश्व गुरु है, धर्म गुरु है और दुनिया में सबसे न्यारा भी है। भारत की परिकल्पना तभी पूरी होगी जब हम बुद्ध, कबीर, गोरख नाथ,निज़ामुद्दीन औलिया, स्वामी विवेकानंद, गांधी,भगत सिंह, नेहरू को पढ़ेंगे व जानेंगे।
गोबर्द्धन प्रसाद गोंड़ ने कहा कि आपसी मेल जोल के लिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना होगा तभी एक सुंदर व खुशहाल भारत बनेगा। चतुरानन ओझा ने कहा कि बुद्ध ने कहा था किसी भी बात को तर्क की कसौटी पर कसो कि क्या गलत है और क्या सही है और तब स्वीकार करो। अपने विवेक से निर्णय लें और आगे बढ़ें। संविधान की मूल अवधारणा लेकर चलें तो सर्वे भवन्ति सुखिना, सर्वे भवन्तु, निरामया को आगे बढ़ा पाएंगे और आगे बढ़ने के लिए संकल्पित होंगे।
पास्कल टिर्की ने कहा कि सामाजिक एकता को कायम रखने के लिए संयम व जिम्मेदारी आवश्यक है। विचारों को सोचते रहना चाहिए कि समाज में क्या हो रहा है और कुछ ऐसे कार्य होते हैं उससे एकता खतरे में आ जाती है। ऐसा वातावरण का निर्माण करें ताकि एकता व प्रेम कायम रहे। इस तरह के आयोजन के जरिये हम एक दूसरे को समझते हैं। सभी धर्म संस्कृति का सम्मान होगा तभी राष्ट्रीय एकता, शांति, सद्भाव व न्याय कायम होगा। सहायक पर्यटन अधिकारी कुशीनगर राजेश कुमार भारतीय ने कहा कि अखंड भारत की बात की जाती है जैसे हमारा परिवार। यह हमें एकता, शांति न्याय को अक्षुण बनाये रखना होगा। उसके लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी। हमें अपने मूल्यों व धरोहरों को मजबूत बनाना होगा। शाकिर अली ने कहा कि सुसंस्कृत एक भारत नेक भारत कैसे बनाये। इसके लिए समस्याओं को जानें। हमें चिन्तन व समझने की जरूरत है। माकपा महासचिव कुशीनगर अयोध्या लाल श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश में उथल पुथल होता है उसकी जिम्मेदार सत्ता होती है। क्योंकि जनता सत्ता के भरोसे रहती है। खुद के अधिकारों को पहचानने की जरूरत है। आज हमारे अधिकार छीन गए हैं। सामाजिक बदलाव के लिए जागरूकता आवश्यक है।

download (2)Picsart_24-04-06_20-34-35-012IMG-20240406-WA0559Picsart_24-04-11_12-57-01-139IMG-20240424-WA01321000959495

एक्शनएड की श्रीमती दुर्गा ने कहा कि देश परिकल्पना को तभी पूरा कर पायेगा जब अच्छे लोग हों। शोध छात्र प्रियेश पाण्डेय ने कहा कि हिंदुस्तान की एकरूपता में जितनी तरह की आवाजें, संस्कृति, भिन्नता होगी उतना ही मजबूत होगा। इतनी सारी विविधताओं के बाद भी देश की एकता मजबूत है। अध्यक्षता हृदया नन्द शर्मा, संचालन धीरेंद्र त्रिपाठी, स्वागत प्रधानाचार्य रामप्रवेश यादव, आभार संजय सिंह, असलम अंसारी, अब्दुल मजीद ने किया। इस दौरान विनोद जायसवाल, रामकिशोर चौहान, विजय शर्मा, रवि सिंह, राजू, नेबुलाल सिंह, महेश प्रसाद, प्रभुनाघ सिंह, विश्वजीत नाथ, आमोद सिंह, छेदी सिंह, कृष यादव, मंनोज चौरसिया, लाल बचन सिंह, राम विलास, विनायक यादव, बबलू, राम ब्यास कुशवाहा, फूल बदन यादव, प्रिंस यादव, राजेश गौतम, निखिल, हरेंद्र यादव, विकास अंकित, अभय, अनुभव, राजेन्द्र मौर्या, शुभनरायन यादव, अब्दुल्ला, वकील, अवधेश, आनन्द सिंह, बाबुनन्दन सिंह, पवन शर्मा, अर्जुन कुमार, निखिल, अयूब खान, जवाहर शर्मा, पाण्डेय, सत्येंद्र,राम किशोर, मुखलाल आदि मौजूद रहे।
डॉ मोहम्मद आरिफ
9415270416

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed