*दिव्यांग जनों को भरण पोषण हेतु मिलने वाले अनुदान को बढ़ायाजाए—-राजीव सिंह*
*दिव्यांग जनों को भरण पोषण हेतु मिलने वाले अनुदान को बढ़ायाजाए—-राजीव सिंह*
आइडियल इण्डिया
शरद कपूर
सीतापुर
आत्मनिर्भर दिव्यांग एकता फाउंडेशन बीते 2 सप्ताह से जनपद के विभिन्न विकास खंडों में दिव्यांग चिन्हित करण शिविर का आयोजन कर सैकड़ों दिव्यांगों का पंजीकरण किया। इस संस्था ने अब तक जिले के 19 विकास खंडों में से 10 विकास खंडों में अपने शिविर आयोजित कर चुका है।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सिंह ने एक भेंट में कहा कि महंगाई को देखते हुए दिव्यांगों को जो भरण पोषण हेतु अनुदान के रूप में ₹1000 प्रति माह दिया जा रहा है उसे अब बढ़ाकर कम से कम ₹2000 प्रति माह दिया जाना चाहिए। राजीव सिंह ने कहा कि इसी वर्ष संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश सरकार ने पंद्रह ₹100 अनुदान दिव्यांगों को को देने की घोषणा की थी उसे अतिशीघ्र लागू किया जाए जिससे दिव्यांग इस महंगाई के युग में कम से कम दो वक्त की रोटी तो खा सके।
संस्था के प्रबंधक सचिव बिंदु मौर्य ने एक भेंटवार्ता के दौरान बताया कि ब्लॉक को में आयोजित किए गए इन शिविरों में हम लोगों को विकास खंड मुख्यालय पर क्यों सुविधाएं मिलनी चाहिए थी वह सुविधाएं हमको लोगों को नहीं मिली जबकि जिला अधिकारी ने लिखित रूप से सभी विकास खंडों को पहले ही अवगत करा दिया था। बिंदु मौर्या का यह भी कहना है कि यदि संस्था को विकास खंडों पर संपूर्ण सुविधाएं मिलती तो पंजीयन कराने वाले दिव्यांगों को की संख्या में बढ़ोतरी संभव थी उन्होंने यह भी कहा कि कहीं कहीं विकास खंडों पर डॉक्टर व एडीओ पंचायत तक अनुपस्थित रहे जिसके कारण हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
संस्था के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विजय पाल ने कहा कि हम प्रदेश शासन से यह मांग करते हैं कि यदि हम लोग किसी कार्यालय पर जाते हैं तो वहां जब संबंधित अधिकारी नहीं मिलते हैं तो वहां के कर्मचारी हमारी लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। विजय पाल का यह भी कहना है की सरकार ने अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को जो सीयूजी नंबर दे रखे हैं उन पर फोन करने पर अधिकांश अधिकारी हम लोगों के फोन ही नहीं उठाते हैं और जब फोन ही नहीं उठता है तो हम लोग अपनी समस्या उन्हें कैसे बता सकते हैं। संस्था के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि कम से कम दिव्यांग भाइयों या बहनों के फोन आने पर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर रिसीव करें और उनकी समस्याएं सुने।
आत्मनिर्भर दिव्यांग एकता फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा कि आशा ही नहीं वरन हम दिव्यांगों को को संपूर्ण विश्वास है कि प्रदेश सरकार हमारी लोगों की यह छोटी मोटी मांगों पर ध्यान देकर इन्हें शीघ्र लागू करेगी।