बुरहानपुर के लालबाग में तीन साल से बंद है केंद्र सरकार की मिल मजदूरों को नहीं मिल रहा वेतन

*बुरहानपुर के लालबाग में तीन साल से बंद है केंद्र सरकार की मिल मजदूरों को नहीं मिल रहा वेतन,*
आइडियल इंडिया न्यूज़
रूपेश वर्मा बुरहानपुर मध्य प्रदेश
बुरहानपुर लालबाग में केंद्र सरकार मिल 3 सालो से बंद है जिसके बंद होने से कई मजदूर भाईयो को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा जिसमे मजदूर भाईयो को अपने घर को चलाने बच्चो की स्कूल फिश के लिए ब्याज से पैसे लेकर जीवन व्यापन करना पड़ रहा है जहा हर समय मिल में और मिल से प्रचलित मिलचाल रहवासी बस्तियों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है जिसमे कई परिवारों की पीडिया भी इसी मिल में कार्यरत थी
एनटीसी यानी नेशनल टैक्स्टाइल कार्पोरेशन द्वारा संचालित उप नगर लालबाग की ताप्ती मिल के मजदूर आर्थिक तंगी के शिकार हैं। कोरोना संक्रमण के कारण मिल को 2020 में बंद कर दिया गया था, लेकिन तब से अब तक यह मिल दोबारा चालू नहीं हुई। करीब 7 माह से मजदूरों को वेतन भुगतान करना भी बंद कर दिया गया है। मिल के महाप्रबंधक का कहना है कि हमारे हाथ में कुछ नहीं है। सब कुछ केंद्र सरकार के हाथ में है इसलिए वहां से जो निर्णय होगा वैसा काम किया जाएगा। करीब 35 लाख रूपए से अधिक की राशि का भुगतान मजदूरों को नहीं हुआ है।
खास बात यह है कि आर्थिक तंगी के चलते अब मजदूर त्रस्त हो चुके हैं। इंटक यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि कई लोग परेशानी के चलते आत्महत्या जैसे कदम भी उठा चुके हैं। मंगलवार को काफी संख्या में मौजूद मजदूरों ने मिल में नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। मिल का हर साल का टर्न ओवर करीब 90 से 95 करोड़ रूपए रहता था। अगर 90 करोड़ भी मान लिया जाए तो तीन साल में मिल का करीब 2 अरब 70 करोड़ का टर्न ओवर प्रभावित हुआ है।
ताप्ती मिल में करीब 778 मजदूर कार्यरत हैं। उन्हें 7 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इंटक यूनियन अध्यक्ष रफीक गुलमोहम्मद ने कहा- कोरोना के बहाने केंद्र सरकार ने यह मिल बंद की थी। तनाव में आकर कई मजदूर आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा चुके हैं। यहां नई-नई मशीनें लगाई गई थी जो जंग खा रही है। कोरोना संक्रमण आया और चला गया। पूरे देश का व्यापार चालू हो गया, लेकिन ताप्ती मिल नहीं चालू हुई।
*शिकायत की तो पीएमओ से आया पत्र, कहा- प्रोसेस में है मिल*
पिछले दिनों पूर्व युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रहास शिंदे ने प्रधानमंत्री, कपड़ा मंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी कि ताप्ती मिल को दोबारा चालू कराया जाए। यह मिल कोरोना काल के समय से बंद है। ऐसे में मजदूर आर्थिक तंगी का शिकार हैं, लेकिन मिल चालू नहीं हुई। जवाब में पीएमओ से पत्र मिला कि मिल अंडर प्रोसेस है।
यह होता है ताप्ती मिल में
-उपनगर लालबाग में ताप्ती सूत मिल है। जहां 778 से अधिक मजदूर कार्यरत है। इसका हर साल का टर्न ओवर करीब 90 से 95 करोड़ है। इस मिल में अलग अगल क्वालिटी का सूत तैयार होकर भिवंडी, मालेगांव, भीलवाड़ा, इचलकरंजी सहित देश के अन्य शहरों में जाता है। मिल के बंद होने से लेकर अब तक अगर टर्न ओवर प्रभावित होने की बात करें तो करीब 2 अरब 70 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर प्रभावित हुआ है।
-23 मार्च 2020 को जब देशभर में कोरोना के कारण सब कुछ बंद कर दिया गया था तब से ही ताप्ती मिल भी बंद की गई थी। बीच में केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्टॉक में रखे माल को खत्म करने के लिए केवल 29 दिन मिल को चालू किया गया था। इसके बाद से इसे फिर से बंद कर दिया गया। खास बात यह है कि देशभर में करीब 23 सूत मिलें हैं इसमें बुरहानपुर की सूत मिल टॉप में है।
*दिल्ली में बैठी सरकार निर्णय लेगी*
मजदूरों का कहना है कि यहां सही जवाब नहीं दिया जाता कि वेतन कब मिलेगा। महाप्रबंधक सिर्फ यह कहते हैं कि जो दिल्ली वाले करेंगे वही होगा। कोरोना काल से यह मिल बंद है। किसी जनप्रतिनिधि का कोई ध्यान नहीं है। एक मजदूर संजय सागरे ने कहा उपनगर लालबाग में किराना लेने जाते हैं तो उधार किराना भी नहीं मिलता। यहां सारी नई मशीनें लगी है। मिल पूरी क्षमता से चालू किया जाए। 778 मजदूर घर बैठे हैं। कई मंत्रियों से भी बात की गई सांसद मोहदय जी से भी मिल मजदूरों द्वारा मिल चालू की जाए इस विषय में चर्चा की गई