प्रधान, पंचायत मित्र और सचिव की मिलीभगत से मनरेगा में किया जा रहा जमकर भ्रष्टाचार ।
प्रधान, पंचायत मित्र और सचिव की मिलीभगत से मनरेगा में किया जा रहा जमकर भ्रष्टाचार ।
पंचायत भवन बनकर तैयार
और तीस श्रमिको की फर्जी हाजिरी लगाई जाती।
आइडियल इण्डिया न्यूज शरद कपूर
*बिन्दू मौर्या*
बेहटा,सीतापुर।
विकास खण्ड बेहटा इलाके के ग्राम पंचायत सोहरिया में मनरेगा योजना चढ़ाई जा रही है भ्रष्टाचार की भेंट। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा रोजगार गारंटी योजना भ्रष्टाचारियो के लिए आमदनी का जरिया बन चुकी है
जिससे जिम्मेदार अधिकारी अपनी तिजोरी भरने का कार्य कर रहे हैं सरकार की तरफ से गांव में बेरोजगारों को इस योजना का लाभ देकर स्वरोजगार बनाना चाहती है लेकिन प्रधान और सचिव की जोड़ी मिलकर इस योजना को धरातल के बजाय कागजों पर ही सीमित कार्य करा रहे हैं और फर्जी तरीके से मनरेगा कार्य में हाजिरी लगाकर मोटी रकम निकाल कर अपनी अपनी तिजोरी भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं । वही पंचायत में पंचायत भवन निर्माण कार्य चलता दिखाया जा रहा है । जिसकी हकीकत जानने के लिये जमीनी स्तर पर देखा गया। तो पंचायत भवन बनकर तैयार है। पंचायत भवन निर्माण कार्य कराए जाने के नाम पर तीस श्रमिक की फर्जी हाजिरी लगाई गई है । और मास्टर रोल पर लगातार फर्जी उपस्थिति दर्ज कर मोटी रकम निकलने का कार्य हो रहा है । बीते दस दिन पहले से ही लगातार मास्टर रोल फर्जी तरीके से भर दिया जा रहा है । अगर सूत्रों की माने तो पंचायत भवन महीनों पहले पंचायत भवन बनकर तैयार हो गया है । केवल पुरानी फोटो अपलोड करके तीस श्रमिकों की फर्जी हाजिरी लगतार लगाई जा रही है।
लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब कार्य पर एक भी श्रमिक कार्य नही कर रहे है तो तीस श्रमिको की फर्जी हाजिरी क्यों लगा दी जाती है । इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि प्रधान सहित जिम्मेदार अधिकारियों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे हैं अगर धरातल पर देखा जाए तो अन्य भी बहुत से कार्य देखने को मिलेंगे जिसमे जमकर भ्रष्टाचार किया गया होगा और सरकारी धनराशि का बंदरबाँट किया गया होगा गांव की सरकार उत्तर प्रदेश की सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है।अब देखना यह है कि योगी सरकार में इन भ्रष्टाचारियो पर क्या कार्यवाही होगी?क्या योगी सरकार में इस तरह का भ्रष्टाचार होता रहेगा?
*क्या बोले जिम्मेदार।*
जब जानकारी सचिव ओपी जयसवाल से फोन के माध्यम से किया तो बोले हमे जानकारी नही है। प्रधान से बात कर लीजिए
जब प्रधान त्रिभुवन लाल से जानकारी करने का प्रयास करे तो बताये यह काम पहला नही है। ऐसे काम होता रहता है। ओर आप आमने सामने मिलने की बात कहकर फोन काट दिया ।
जब पंचायत मित्र परमेश्वर कुमार से फोन पर बात की गई तो पंचायत मित्र ने बताया की सचिव व प्रधान के दबाव में दस दिन से फर्जी हाजिरी लगाना पड़ता है।