जीवन आशा फाउंडेशन क्रिश्चियन सोसायटी द्वारा नौकरी के नाम पर किया धन उगाही
जीवन आशा फाउंडेशन क्रिश्चियन सोसायटी द्वारा नौकरी के नाम पर किया धन उगाही
आइडियल इंडिया न्यूज़ रिपोर्ट जीपी गुप्ता
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। जीवन आशा फाउंडेशन क्रिश्चियन सोसायटी गाजीपुर, के द्वारा नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से किया गया धन उगाही। पूर्वांचल के लगभग दस, जिलो के आदिवासी बनबासी समाज को नौकरी के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा है।
सोनभद्र पुलिस लाइन चुरूक, बिबेचक को साक्ष्य व सबूत दिनांक 27जून24 को दिया गया । सोनभद्र सहित, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, बनारस, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, चन्दौली, इलाहाबाद, आजमगढ़, में नौकरी के नाम पर धर्मांतरण के आड़ में धन उगाही की गयी है।
बताते चलें माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनभद्र के आदेश दिनांक 01फरवरी 2024 के आदेश से जनपद के एल आई यू इंस्पेक्टर विवेचना कर रहे हैं,।
पीड़ित अशोक कुमार केसरी ने बताया कि साक्ष्य लेकर पुलिस लाइन चुर्क सोनभद्र का चक्कर लगाकर सबूत दिया जिसमे ब्लाक क्वार्डिनेटर, टीचर व छात्र -छात्राओं का आई कार्ड सबूत के तौर पर दिया गया जिनसे धन उगाही की गयी है।नौकरी के नाम पर कैसे धनउगाही किया है ।सारा लेन देन पीडितो ने बैंक से ट्रांसफर ,फोन पे, गुगल पे, चेक, द्वारा किया प्रबंधक योगेंद्र कुमार के खाते में किया गया है।
उगाही गैंग में जीवन आशा फाउंडेशन क्रिश्चियन सोसाइटी के प्रबंधक, योगेन्द्र कुमार सहित पास्टर, बिरेंद्र चौहान, अश्वनी ,सतुरधन, सरकारी कर्मचारी, मंडल, क्वार्डिनेटर अजीत, शिक्षा विभाग, प्राथमिक विद्यालय चांगा विकासखंड म्योरपुर जनपद सोनभद्र, पुलिस चन्दौली एल आइ यू संदीप पास्टर, थाना,धीना जनपद चन्दौली के सरकारी कर्मचारी भी संलिप्त हैं।
फिल हाल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनभद्र के आदेश से बिबेचना एल आइ यू इंस्पेक्टर, रामकुमार यादव, क्राइम ब्रांच जनपद सोनभद्र, द्वारा पुलिस लाइन में हों रहा है।
कई जनपद से आए लोग, जनपद सोनभद्र में मलेवर नौगढ़ चन्दौली, निवासी अशोक कुमार केशरी, गाजीपुर मुन्ना भारती, बलिया गोरख, जौनपुर डा० सर्वेश, मऊं, डा० जगजीवन राम इत्यादि लोगो ने विवेचक को साक्ष्य व सबूत दिया है। अभी कई जनपदों के लोग आने वाले हैं।
एलृआइ यू विवेचक इंस्पेक्टर रामकुमार यादव से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विवेचना जारी है विवेचना कब पूरी होगी।टाल मटोल कर गये गये।
न्याय के उम्मीद में पीडित आस लगाए बैठे है।