07/07/2025
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कब समाप्त होगी आग बरसती भयंकर गर्मी? कब आएगा मानसून?

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Dr. Pramod Vachaspati:
*कब समाप्त होगी आग बरसती भयंकर गर्मी?

कब आएगा मानसून?

डॉ दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि एवं निदेशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र जौनपुर*

21 जून से 30 जून तक एक-दो दिन छोड़कर लगभग रोज ही जौनपुर सहित पूर्वांचल में वर्षा होगी

*1 जून से लगातार अग्नि वर्षा कर रहा सूर्य दिनोंदिन उग्र और कर्म तथा प्रचंड होता जा रहा है और जौनपुर तथा आसपास कई बार पारा ने 47 डिग्री सेल्सियस का स्तर पार किया यह बात और है कि गूगल इंटरनेट और विदेशी स्रोत पर आधारित भारत की प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उसे कभी 44 डिग्री से ऊपर नहीं दिखाया जबकि न्यूनतम तापमान के भी 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने से स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण के बाहर हो गई जबकि प्रयागराज बिहार छत्तीसगढ़ झारखंड ओडिशा और बंगाल के कई भागों में ऐसी भयंकर ताप लहर और लू चली कि हजारों लोग काल के गाल में चले गए यही स्थिति बलिया और आसपास भी रही आज अर्थात 19 जून 2023 को भी सारा उत्तर भारत ताप लहर अग्नि वर्षा से जल रहा है उसमें भी जौनपुर सहित पूर्वांचल बिहार उड़ीसा मध्य प्रदेश का पूर्वी भाग झारखंड और बंगाल प्रमुख हैं ऐसे में सभी के सामने यही प्रश्न है कि आखिर यह शरीर को जलाने वाली और त्वचा को झुलसा देने वाली गर्मी कब समाप्त होगी और कब मानसून आएगा*

*हमारे ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र के द्वारा पहले ही यह चेतावनी दे दी गई थी कि जून महीना इस वर्ष का सबसे प्रचंड हाहाकारी और अग्नि वर्षा वाला महीना होगा और 1 जून से 20 जून तक स्थितियां बर्दाश्त के बाहर रहेंगे बिल्कुल वही हुआ अब आगे से जो स्थितियां बन रही है उसके अनुसार 20 जून 2023 से गर्मी लगातार कम होती चली जाएगी और 20 जून के समाप्त होते होते मानसून गोरखपुर बस्ती देवरिया आजमगढ़ जौनपुर मिर्जापुर रावटसगंज सुल्तानपुर अयोध्या चंदौली मुगलसराय गाजीपुर शाहगंज हर जगह प्रवेश कर जाएगा और 21 जून को इन सभी स्थानों पर मानसूनी वर्षा होगी*

*21 जून को ही महा चक्रवात बीपरजाए गुजरात राजस्थान मध्यप्रदेश के पश्चिमी भागों झांसी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना प्रकोप दिखाते हुए वाराणसी प्रयागराज के पास मानसूनी धारा से मिल जाएगा और इस प्रकार 21 जून से 30 जून तक एक-दो दिन छोड़कर लगभग रोज ही जौनपुर सहित पूर्वांचल में वर्षा होगी*

*20 जून से तापमान लगातार कम होगा अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान कम होंगे और 23 जून आते-आते तापमान काफी कम हो जाएगा 19 जून से 30 जून के बीच अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से घटकर 30 डिग्री सेल्सियस तक आ जाएगा जबकि न्यूनतम तापमान भी 35 डिग्री सेल्सियस से घटकर 24 डिग्री सेल्सियस तक आ जाएगा अर्थात ताप लहर और लू का प्रकोप पूरी तरह समाप्त हो जाएगा अगर क्रम से देखा जाए तो अधिकतम तापमान 18 जून को 47 डिग्री सेल्सियस 19 जून को 45 डिग्री सेल्सियस 20 जून को 40 डिग्री सेल्सियस 21 जून को 38 डिग्री सेल्सियस 22 जून को 36 डिग्री सेल्सियस और 23 जून को 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा यही हालत न्यूनतम तापमान का भी रहेगा और वर्षा का क्रम लगातार बढ़ता जाएगा*

*महा चक्रवात के प्रभाव के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का रुका हुआ मानसून फिर से गतिमान हो जाएगा अरब सागर के मानसून की प्रगति धीमी जबकि बंगाल की खाड़ी की प्रगति बहुत तेज होगी और यह 19 जून को मैं अमर विदिशा छोड़कर बांग्लादेश बंगाल उड़ीसा की ओर मुड़कर 20 जून की आधी रात से 21 जून की आधी रात तक जौनपुर सहित पूर्वांचल में प्रवेश करेगा जबकि अरब सागर का मानसून जो रत्नागिरी तक आकर रुका हुआ है वह भी आगे बढ़ता हुआ 21 जून को मुंबई और आसपास पहुंच जाएगा और 25 जून के आसपास मानसून राजस्थान मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश में आकर बंगाल की खाड़ी के मानसून से मिल जाएगा और 5 जुलाई तक संपूर्ण देश में मानसून फैल जाएगा 21 जून को विश्व योग दिवस है और 21 जून को विश्व का सबसे बड़ा दिन भी है और इस वर्ष इसी दिन से जौनपुर पूर्वांचल में मानसून और मानसूनी वर्षा का श्रीगणेश होगा और गर्मी का लगातार कम होना सुनिश्चित होगा*

*हमारा अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र लगातार 47 वर्षों की भांति एक बार फिर से आप सभी को यह कहना चाहता है कि इस वर्ष कब मानसून अनिश्चित अनियमित और रुक रुक कर वर्षा करने वाला होगा वर्षा जब भी होगी लगातार और घनघोर होगी और बीच-बीच में तीन सूखा का अंतराल पड़ेगा इसमें एक भयानक होगा देश के 75% भागों में भयानक वर्षा के वरिष्ठ बार बादल पढ़ना वज्रपात जैसी घटनाएं होंगी तो एक चौथाई भाग में सूखे की स्थिति रहेगी जिनके पास सिंचाई के साधन हो वही धान और पानी की अधिक फसलें लगाए मानसून कहीं-कहीं इतनी अतिवृष्टि करेगा कि वहां नर्क जैसी स्थिति हो जाएगी ईश्वर सबसे अधिक वर्षा 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच में

होगी वैसे मानसून सितंबर के अंत तक जाएगा केरल कर्नाटक महाराष्ट्र राजस्थान मध्य प्रदेश बंगाल बिहार ओडिशा में हिमाचल प्रदेश जम्मू-कश्मीर उत्तराखंड में नेपाल भूटान सामान्य से अधिक जबकि उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों पूर्वोत्तर भारत पंजाब हरियाणा में जम्मू कश्मीर में सामान्य के आसपास वर्षा होगी शेष भारत में सामान्य से कम वर्षा होने का योग है हिमालय क्षेत्र में इस वर्ष बादल फटने वज्रपात होने और भूस्खलन की बड़ी-बड़ी घटनाएं होंगी कुल मिलाकर प्रचंड अग्नि वर्षा और भयंकर सूखा से 21 जून तक निश्चित रूप से सभी को राहत मिल जाएगी डॉ दिलीप कुमार सिंह*

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